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Sunday, January 6, 2013

तीन यार

होड़ लगी है नेताओ की,
गर तू मुर्ख तो मैं धूर्त,
गर तू डायन तो मैं पिशाच,
पीता है तू खून जनता का,
मैं खाता हूँ हाड़ मांस।

चल लूट ले इनको बर्बाद करे,
मिल बैठेंगे फिर तीन यार!
वो बोल दे "dented-painted",
मैं बोल दूंगा "ऊँची स्कर्ट",
तू कह देना "लक्ष्मण रेखा",
मैं कह दूंगा "western-culture",
वो बोल देगी बड़ी हैं "adventerous",
वोट तो हम मैं से किसी को देंगे (हुहहहाहा)
फिर मिल बैठेंगे तीन यार!
खादी, खाखी, धर्म।

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