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Monday, January 7, 2013

पागल

ना ना ना मैं नहीं मानती,
हो ही नहीं सकता,
मुझे तुम्हारी बातो पे विश्वास नहीं,
मेरा भाई जिसकी कलाई पे बाँधी राखी,
हर साल। वो किसी और की बहन का मांस
नोच खायेगा?

तुम झूठ बोलते हो,
ये जरुर तुम्हारी कोई चाल है।

ना ना ना मैं मान ही नहीं सकती
हो ही नहीं सकता,
मेरा बेटा जिसको मैंने जन्म दिया
दूध पिलाया, वो किसी और
की बेटी के खून मैं
नहायेगा?

तुम झूठ बोलते हो,
ये जरुर तुम्हारी कोई चाल है।

पागल हो गए हो गए हो क्या?
इंसान हैं, 
कोई हैवान थोड़े ही हैं।

बंद कर दो ये झूठी ख़बरे,
जाओ अपने अपने घर . …..
जाओ जाओ, सब जाओ।
सुनते ही नहीं,
पागल हैं सब के सब।  

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