मुझे भी जंग पसंद होती,
गर इससे समस्याएं हल होती,
ना मासूम होते कुर्बान,
ना होते गाँव वीरान,
ना बाप लिए होता अपने बच्चे की लाश,
ना माँ टटोल रही होती लाशें
करती अपने की तलाश।
मुझे भी जंग पसंद होती,
गर इससे समस्याएं हल होती,
ना जलते शहर, ना उजड़ते घर,
ना दिन मैं अँधेरा छाता,
ना सुबह गुम हो जाती,
ना शहीद होते जवान,
ना मानते मातम गाँव।
मुझे भी जंग पसंद होती,
गर इससे समस्याएं हल होती।
जले तेरे-मेरे चुहले मैं आग,
तेरे देश मैं भी खुशाली हो,
बजने दे शहनाई मेरे गाँव मैं,
तेरे खेत मैं भी हरयाली हो।
फूक दे ये मंदिर माश्जिद,
लाखो को इसने फूका है,
आ गले लगे के
हम इंसान के बच्चे हैं।
मेरा मुझ से विश्वास उठने लगा है,
बचा ले मुझे,
हम दोनों का भला है।
गर इससे समस्याएं हल होती,
ना मासूम होते कुर्बान,
ना होते गाँव वीरान,
ना बाप लिए होता अपने बच्चे की लाश,
ना माँ टटोल रही होती लाशें
करती अपने की तलाश।
मुझे भी जंग पसंद होती,
गर इससे समस्याएं हल होती,
ना जलते शहर, ना उजड़ते घर,
ना दिन मैं अँधेरा छाता,
ना सुबह गुम हो जाती,
ना शहीद होते जवान,
ना मानते मातम गाँव।
मुझे भी जंग पसंद होती,
गर इससे समस्याएं हल होती।
जले तेरे-मेरे चुहले मैं आग,
तेरे देश मैं भी खुशाली हो,
बजने दे शहनाई मेरे गाँव मैं,
तेरे खेत मैं भी हरयाली हो।
फूक दे ये मंदिर माश्जिद,
लाखो को इसने फूका है,
आ गले लगे के
हम इंसान के बच्चे हैं।
मेरा मुझ से विश्वास उठने लगा है,
बचा ले मुझे,
हम दोनों का भला है।
मुझे भी जंग पसंद होती,
गर इससे समस्याएं हल होती।
जंग तो खुद एक समस्या है,
क्या ये समस्याओ को हल देगी?
4 comments:
अदभुत ,शब्द भाव बहुत गहरे उतर गए ..
जंग किसे पसंद है ..क्यों किसी से रंज है
अदभुत ,शब्द भाव बहुत गहरे उतर गए ..
जंग किसे पसंद है ..क्यों किसी से रंज है
Aap likhti bhi hn is bat se anjan kyun rhi m ..
Is bat ka afsos aapki rchnaaen pdh kr ho rha h ..
Too gud anuradha ji
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